Saturday, April 27, 2013

jeevan yaatra

जीवन यात्रा
जन्म से मृत्यु तक
सुबह शाम का आना जाना
सोना, जगना और खाना
पढ़ लिख कर प्रतिभा पाना
घर बनाना और सजाना
धन परिवार और प्रसिद्धी पाना
और फिर संसार के सागर में
लहरों की तरह अहंकार से
उछल उछल कर
मृत्यु के तट पर
सर पटक पटक कर
प्रयाण कर जाना
किसने देखा फिर वापिस आना
किसने देखा स्वर्ग में जाना
सुरक्षा के लिए भगवान सजाये
समझाने के लिए दर्शन बनाये
मुक्ति के कई रस्ते दिखाए
पर पैगम्बर, धर्म और दर्शन
आज तक कुछ सिद्ध न कर पाए
सिसीफस की तरह
निरंतर कर्म में ही मुक्ति मानो
वर्तमान को ही सत्य जानो
प्रत्यक्ष को ही यथार्थ मानो
 

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