Monday, March 25, 2013

The State of Hindi in India

मेरी भाषा अनाथ असहाय
नयी पीढ़ी के अधरों पर
ढूंढ रही है कोई उदगार

टीवी, फिल्मों और संगीत में
उर्दू का कब्ज़ा है
स्कूल, कार्यालयों और व्यापारों में
धन लिप्सा से इंग्लिश में ही चर्चा है
हिंदी अशांत, घायल, आहत
मरुभूमि में कराह रही है
में सुसज्जित अलंकृत थी
... भारत माँ की प्यारी बेटी थी
तुलसी दास, मीरा की मुखबोली सहेली थी
तुम्हारे दादा दादी की भाषा अलबेली थी
तुम्हे बचपन में लोरी सुनाती थी
रामायण, महाभारत की कहानी  बतलाती थी
किंचित अपने अधरों से सराहो मुझे
स्वयं और अपने बच्चों को सिखायो मुझे
में अनपढ गंवार नहीं, सुसंकृत हूँ, बचायो मुझे
इंग्लिश सीखो, अवश्य धन और एश्वर्य पाओगे
पर क्या अपनी गरीब माँ भाषा को भूल जायोगे

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